
क्राइम संवाददाता द्वारा
बीजापुर : छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया हुआ है। यह अभियान तेलंगाना सीमा के पास कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चल रहा है। इस अभियान का यह आठवां दिन है। सुरक्षा बल 12 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर माओवादियों के ठिकाने तक पहुंचे। वहां उन्हें माओवादियों का छिपाया हुआ सामान, बंकर और आईईडी मिले। अभियान अभी भी जारी है। सुरक्षा बलों को कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नक्सलियों का सामान मिला है। माओवादियों के खिलाफ यह अभियान और भी तेज हो गया है। उनके ठिकाने से छिपाया हुआ सामान और आईईडी बरामद हुए हैं। सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं। हिड़मा और उसके साथी माओवादियों ने ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दी थी। सुरक्षा बल माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लड़ाई सातवें दिन भी जारी रही। बीजापुर जिले में तेलंगाना सीमा पर यह अभियान चल रहा है। सुरक्षा बल के जवान कर्रेगुट्टा पहाड़ की 12 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने तक पहुंच गए हैं। रविवार को पहाड़ी के ऊ पर अभियान जारी रहा। पहाड़ी से माओवादियों का छिपाया हुआ सामान, बंकर और आईईडी मिलने की खबर है। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने अभियान के दूसरे दिन तीन माओवादियों को मार गिराने की बात कही थी। इसके बाद से पुलिस की ओर से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस का कहना है कि अभियान पूरा होने के बाद ही पूरी जानकारी दी जाएगी। सुरक्षा बल को जो गुफा मिली है, वह कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर नहीं है। वह उसके पास ही स्थित दूसरी पहाड़ी नड़पल्ली पर मिली है। कुछ अखबारों में यह खबर आई थी कि जवानों को कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर गुफा मिली है। अब कहा जा रहा है कि जिस नड़पल्ली की पहाड़ी पर गुफा मिली है, वहां ग्रामीण पूजा-पाठ करने जाते हैं। पहाड़ी पर मिली प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग है। पहाड़ी की तलहटी पर बसे ग्रामीणों ने बताया कि कुछ महीने पहले हिड़मा ने उन्हें धमकाया था। हिड़मा ने कहा था, ‘मैं पहाड़ी पर बैठा हूं, चाहे कितने भी जवान आ जाए सबको ठिकाने लगा दूंगा। पिछले महीने माओवादियों के तेलुगू भाषा में लिखे पत्र में भी कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में आईईडी लगाने की बात कही थी। उन्होंने ग्रामीणों को चेतावनी दी थी कि पहाड़ी पर ना आएं। इसी जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों को शक हुआ कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर माओवादियों का ठिकाना हो सकता है। एनटीआरओ यानी राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन के उपग्रहों और ड्रोन से निगरानी की गई। इस निगरानी में भी माओवादी दिखे थे। एनटीआरओ एक ऐसी संस्था है जो तकनीकी जानकारी जुटाती है। उपग्रह और ड्रोन की मदद से तस्वीरें ली गईं, जिससे माओवादियों की मौजूदगी का पता चला।